दुसरे का दोष देखना आसान है (मेन्डक श्रेष्ठी की कथा) एक समय भगवान बुद्ध अन्गुत्तराप में चारिका करते हुए जाकर जेतवन में विहार करते थे. मेण्डक श्रेष्ठी भगवान के आगमन को सुनकर दर्शनार्थ जाने लगा. मार्ग में तैर्थिकों ने उसे देख भगवान् के पास जाने से रोकने के लिये कहने लगा – “क्यों तुम क्रियावादी[…]
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