आज, 26 अप्रैल 2020, रविवार को अक्षय तृतीया मनाई जा रही है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्त होती है। अक्षय तृतीया के दिन का धार्मिक शास्त्रों और पुराणों में भी जिक्र मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। कहा जाता है कि महाभारत में भी अक्षय तृतीया की तिथि का जिक्र है। महाभारत में बताया गया है कि इस दिन दुर्वासा ऋषि ने द्रोपदी को अक्षय पात्र दिया था।
महाभारत में बताया जाता है कि जब पांडवों को वन में 13 सालों के लिए जना पड़ा तो एक दिन उनके वनवास के दौरान दुर्वासा ऋषि उनकी कुटिया में आए। ऐसे में सभी पांडवों और द्रोपदी ने घर में जो कुछ रखा था उनसे उनका अतिथि सत्कार किया। दुर्वासा ऋषि द्रोपदी के इस अतिथि सत्कार से बहुत प्रसन्न हुए। जिसके बाद उन्होंने प्रसन्न होकर द्रोपदी को अक्षय पात्र उपहार में दिया।
आज के इस शुभ दिन में यदि श्री लक्ष्मी नारायण भगवान की आराधना करें तो उनकी कृपा प्राप्त होती है।
इस वीडियो में श्री योगी आनंद जी, संस्थापक अद्वैत योग विद्यालय, ने श्री कनकधारा स्तोत्र, ऋग्वेदीय श्री सूक्त, और यजुर्वेदीय पुरुष सूक्त का पाठ किया है, जिसे श्रद्धा भक्ति पूर्वक सुनने से भगवती श्री लक्ष्मी और भगवान श्री नारायण की कृपा प्राप्त होती है, जिससे धन और धर्म में अभिवृद्धि होती है, परिणामस्वरूप जीवन दिव्य बनता है।
ॐ श्री लक्ष्मीनारायणाभ्यां नमः ॐ! ????